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पेरिस: ट्रंप और जिल बाइडेन की द्विदलीय एकता ने नोट्र डेम कैथेड्रल के पुनः उद्घाटन समारोह में बटोरा ध्यान.

पेरिस: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और निवर्तमान प्रथम महिला जिल बाइडेन ने पेरिस में नोट्र डेम कैथेड्रल के पुनः उद्घाटन समारोह में अपनी अनूठी द्विदलीय एकता से सभी को चौंका दिया।

यह मुलाकात न केवल MAGA समुदाय के लिए खुशी का विषय बनी, बल्कि सोशल मीडिया पर चर्चाओं का केंद्र भी रही।

समारोह में शामिल हुए ट्रंप और जिल:
शनिवार को आयोजित इस विशेष समारोह में ट्रंप और जिल बाइडेन एक साथ बैठे नजर आए।

वायरल हुई तस्वीर:
दोनों की हंसी-मजाक करती तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं।

जो बाइडेन की अनुपस्थिति:
निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन, 81, इस समारोह में शामिल नहीं हो सके। व्हाइट हाउस ने इसके पीछे का कारण नहीं बताया।

एशले बाइडेन की उपस्थिति:
जिल बाइडेन के साथ उनकी बेटी एशले बाइडेन भी समारोह में मौजूद थीं।

ट्रंप का अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहला कदम:
यह ट्रंप की चुनावी जीत के बाद किसी अंतरराष्ट्रीय आयोजन में पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी।

एलन मस्क का साथ:
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और ट्रंप के करीबी दोस्त एलन मस्क भी उनके साथ मौजूद रहे।

ब्रिजिट मैक्रों का इंतजार:
समारोह के दौरान जिल और ट्रंप के बीच फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिजिट मैक्रों के लिए सीट छोड़ी गई थी।

जिल बाइडेन का अंतिम विदेश दौरा:
बतौर प्रथम महिला, यह जिल बाइडेन का अंतिम विदेशी दौरा था।

समारोह का उद्देश्य:
नोट्र डेम कैथेड्रल, जो 2019 में आग लगने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, अब इसे पुनः जनता के लिए खोल दिया गया है।

ट्रंप और जिल की मुलाकात पर चर्चा:
इस असामान्य मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज कर दी हैं।

दोनों के संबंधों पर सवाल:
कुछ लोगों ने इस मुलाकात को द्विदलीय एकता का प्रतीक माना, जबकि अन्य ने इसे महज औपचारिकता करार दिया।

जिल की भूमिका की सराहना:
निवर्तमान प्रथम महिला के तौर पर जिल की उपस्थिति को उनके मजबूत व्यक्तित्व के रूप में देखा गया।

ट्रंप के भाषण की उम्मीद:
हालांकि ट्रंप ने इस अवसर पर कोई भाषण नहीं दिया, लेकिन उनकी उपस्थिति ने आकर्षण का केंद्र बना दिया।

कैथेड्रल की ऐतिहासिकता:
नोट्र डेम कैथेड्रल दुनिया के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है।

दुनिया भर से जुटे लोग:
इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए दुनियाभर के गणमान्य लोग पेरिस पहुंचे थे।

राजनीतिक चर्चा:
इस घटना ने अमेरिकी राजनीति में नए संवाद और दृष्टिकोण की शुरुआत की संभावना जताई।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं:
ट्विटर और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर इस मुलाकात को लेकर मजेदार टिप्पणियां और चर्चाएं हो रही हैं।

राजनीतिक पंडितों का विश्लेषण:
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों का संकेत हो सकती है।

समारोह का शांतिपूर्ण समापन:
कार्यक्रम का आयोजन बेहद भव्य और शांति के साथ संपन्न हुआ।

अंतरराष्ट्रीय एकता का संदेश:
यह समारोह धार्मिक पुनर्निर्माण और वैश्विक एकता का प्रतीक बनकर उभरा।

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