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महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गोसेवा आयोग की वेबसाइट लॉन्च की.

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को गोसेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च की।

यह लॉन्च नागपुर स्थित विधान भवन परिसर में हुआ, जहां राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है।

मुख्य बिंदु:
गोसेवा आयोग का उद्देश्य गायों और अन्य मवेशियों के संरक्षण, सुरक्षा और कल्याण को बढ़ावा देना है।
राज्य में कुल 1.39 करोड़ गायें हैं, जिनमें से 13 लाख देशी नस्ल की हैं।
आयोग के अध्यक्ष शेखर मुंदड़ा ने बताया कि गायों के लिए विशेष डेयरी, गाय पर्यटन और बूढ़े मवेशियों के प्रबंधन जैसी पहलें की जाएंगी।
पिछली एकनाथ शिंदे सरकार ने देशी गायों को ‘राज्यमाता-गोमाता’ का दर्जा दिया था।
यह दर्जा गायों के भारतीय संस्कृति, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान को ध्यान में रखते हुए दिया गया।
पशुपालन विभाग के अनुसार, आयोग का मुख्य उद्देश्य गायों और मवेशियों का संरक्षण और उनकी देखभाल करना है।
गोसेवा आयोग उन संस्थानों का पंजीकरण और निगरानी करेगा जो मवेशियों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।
देशी नस्ल की गायों के विकास को प्रोत्साहित करने और कानूनों का उल्लंघन कर जब्त किए गए मवेशियों की देखभाल पर जोर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आयोग के कार्यों को मवेशियों के संरक्षण और किसानों के हित में महत्वपूर्ण बताया।
आयोग ग्रामीण क्षेत्रों में गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम करेगा।
गायों की सुरक्षा के लिए कानूनों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्य में मवेशियों के कल्याण के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
देशी गायों की नस्ल सुधारने के लिए वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग किया जाएगा।
गोसेवा आयोग का उद्देश्य न केवल गायों का कल्याण है बल्कि उनसे जुड़ी पर्यावरणीय संतुलन को भी बनाए रखना है।
राज्य सरकार ने गायों के पालन-पोषण और दूध उत्पादन में वृद्धि के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं।
देशी नस्ल की गायों से मिलने वाले औषधीय गुणों को बढ़ावा देने की भी योजना है।
आयोग ने गोशालाओं के प्रबंधन और उनकी गुणवत्ता सुधारने पर जोर दिया है।
गाय पर्यटन को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य में पशुधन की समृद्धि के लिए एक नई शुरुआत है।

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