
राहुल गांधी का यह बयान तब आया जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करने को कहा। हालांकि, स्पीकर ने ऐसा क्यों कहा, इसका तत्काल कारण स्पष्ट नहीं हो सका।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि स्पीकर ने उनके बारे में टिप्पणी की और फिर बिना उन्हें बोलने का मौका दिए सदन को स्थगित कर दिया।
राहुल गांधी ने कहा, “स्पीकर ने मेरे बारे में टिप्पणी की, फिर बिना मुझे बोलने का मौका दिए उठकर चले गए। मैंने कहा कि आप मेरे बारे में बोले हैं, तो मुझे भी बोलने दीजिए, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और सदन स्थगित कर दिया।”
इस मामले को लेकर कांग्रेस के करीब 70 लोकसभा सांसदों ने स्पीकर से मुलाकात की। इनमें लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के व्हिप मणिकम टैगोर भी शामिल थे।
सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि राहुल गांधी को बोलने का मौका न देने का फैसला अनुचित है।
राहुल गांधी ने कहा कि सदन में एक परंपरा रही है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाता है, लेकिन जब भी वह बोलने के लिए खड़े होते हैं, उन्हें मौका नहीं दिया जाता।
इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस नेताओं ने इसे “लोकतंत्र का हनन” करार दिया और विरोध जताया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।