
फरवरी 2025 के पहले 20 दिनों में श्रीनगर हवाई अड्डे पर कुल 2,37,838 यात्रियों की आवाजाही दर्ज की गई।
इस अवधि में 1,22,980 यात्री श्रीनगर पहुंचे, जबकि 1,14,858 यात्रियों ने यहां से उड़ान भरी।
हवाई अड्डे पर कुल 1,332 उड़ानें संचालित हुईं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 60 उड़ानें शामिल रहीं।
हर दिन औसतन 12,000 यात्री श्रीनगर हवाई अड्डे से यात्रा कर रहे हैं।
कश्मीर सर्दियों में हमेशा से पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थान रहा है, लेकिन इस बार सूखा मौसम और महंगे हवाई किराए से यात्रा योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
श्रीनगर जाने वाली उड़ानों के किराए में भारी वृद्धि हुई है, जो विदेशी उड़ानों की तुलना में भी महंगे हो गए हैं।
दिल्ली से श्रीनगर जाने के लिए एक टिकट का किराया लगभग ₹21,300 तक पहुंच गया है, जबकि श्रीनगर से दिल्ली की उड़ान ₹9,500 में मिल रही है।
हैदराबाद से श्रीनगर के लिए टिकट ₹13,000 से ₹14,000 के बीच मिल रही है, जबकि श्रीनगर से हैदराबाद मात्र ₹8,000 में उपलब्ध है।
दिल्ली से कोलंबो जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ान ₹10,500 से ₹19,900 के बीच उपलब्ध है, जो श्रीनगर की तुलना में सस्ती है।
हैदराबाद से कोलंबो की उड़ान ₹9,500 से ₹10,500 के बीच मिल रही है, जो श्रीनगर उड़ान से कम है।
पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि महंगे हवाई किराए के कारण कश्मीर आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा सकती है।
कई यात्री अब अपनी यात्रा योजनाओं पर पुनर्विचार कर रहे हैं, जिससे होटल और अन्य पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो सकते हैं।
उद्योग से जुड़े लोग सरकार से हवाई किराए को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
यात्रियों का कहना है कि घरेलू उड़ानों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के किराए सस्ते होना चिंता का विषय है।
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हवाई किराए कम नहीं किए गए, तो कश्मीर का पर्यटन उद्योग प्रभावित हो सकता है।
कई लोगों को उम्मीद थी कि फरवरी में किराए कम होंगे, लेकिन अभी भी अधिक दामों में टिकट बेचे जा रहे हैं।
सरकार से मांग की जा रही है कि वह हवाई किरायों में पारदर्शिता लाने और प्रतिस्पर्धी दरें लागू करने के लिए हस्तक्षेप करे।
कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय साबित हो सकता है यदि किराए में जल्द कमी नहीं आई।