कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केरल हाईकोर्ट द्वारा कार्यवाही की अनुमति देने वाला आदेश कानून के विरुद्ध नहीं था।
न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और संजय करोल की पीठ ने निचली अदालत को एक वर्ष के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी को 20 दिसंबर 2024 या उसके बाद की पहली कार्यदिवस पर ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा।
मामला 1990 में त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिसे हशीश ले जाने के आरोप में पकड़ा गया था। अभियोजन पक्ष ने सबूत के तौर पर एक अंडरवियर पेश किया था, जिसमें कथित तौर पर ड्रग्स छिपाए गए थे।
हालांकि, 1993 में हाईकोर्ट ने आरोपी को यह साबित करने के बाद बरी कर दिया कि अंडरवियर का आकार उसके लिए बहुत छोटा था। बाद में जांच में पता चला कि राजू, जो आरोपी के वकील थे, ने अंडरवियर कोर्ट से लेकर चार महीने बाद वापस किया था।
इसके बाद जिला अदालत ने राजू और कोर्ट क्लर्क के जोस के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने मार्च 2022 में तकनीकी कारणों से इस कार्यवाही को रद्द कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे बहाल करते हुए कहा कि ऐसे गंभीर आरोप न्याय व्यवस्था को दूषित करते हैं और इन्हें सख्ती से निपटाया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने भी कहा था कि कार्यवाही को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए फिर से शुरू किया जा सकता है।