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भरतपुर का ‘अपना घर’ आश्रम: अंतिम संस्कार के लिए गैस श्मशान का प्रयोग

भरतपुर: भरतपुर स्थित 'अपना घर' आश्रम ने एक सराहनीय पहल की है।

आश्रम ने अंतिम संस्कार के लिए गैस श्मशान का उपयोग करने का निर्णय लिया है। इस कदम से हर साल लगभग 400 टन लकड़ी की बचत होगी, क्योंकि अंतिम संस्कार के लिए पेड़ों को काटने की जरूरत कम होगी। साथ ही, इससे प्रदूषण में भी कमी आएगी।

आश्रम का मानना है कि यह एक पर्यावरण-हितैषी कदम है और इससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होगा। गैस श्मशान में अंतिम संस्कार करने से धुआं कम निकलेगा और हवा प्रदूषित नहीं होगी।

यह पहल देश के अन्य हिस्सों के लिए भी एक उदाहरण है। अगर अन्य आश्रम और समुदाय भी इस तरह की पहल करेंगे तो हम पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

मुख्य बिंदु:

भरतपुर का ‘अपना घर’ आश्रम अंतिम संस्कार के लिए गैस श्मशान का उपयोग करेगा।
इससे हर साल 400 टन लकड़ी की बचत होगी।
प्रदूषण में भी कमी आएगी।
यह एक पर्यावरण-हितैषी कदम है।

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