लेकिन, मंगलवार को हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है और यह ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गई है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस हफ्ते के मध्य तक प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ सकता है।
दिल्लीवासी पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के कारण होने वाली समस्याओं से परेशान थे। धुंध के कारण दृश्यता कम हो गई थी और लोगों को आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो रही थीं।
क्या है वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक संख्या है जो बताती है कि हवा कितनी प्रदूषित है। यह 0 से 500 के बीच होता है। जितना अधिक AQI होगा, हवा उतनी ही प्रदूषित होगी।
क्यों बढ़ रहा है दिल्ली में प्रदूषण?
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पराली जलाना: पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
- वाहनों से निकलने वाला धुआं: दिल्ली में वाहनों की संख्या बहुत अधिक है और इनसे निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण का एक बड़ा कारण है।
- उद्योगों से निकलने वाला धुआं: दिल्ली के आसपास कई उद्योग हैं और इनसे निकलने वाला धुआं भी हवा को प्रदूषित करता है।
- धूल के कण: निर्माण कार्य और अन्य गतिविधियों से उड़ने वाली धूल भी हवा को प्रदूषित करती है।
क्या हैं प्रदूषण के दुष्प्रभाव?
प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। यह सांस की बीमारियों, दिल की बीमारियों और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
क्या किया जा रहा है प्रदूषण कम करने के लिए?
दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कई उपाय कर रही है, जैसे कि:
- पराली जलाने पर रोक लगाना।
- पुराने वाहनों को सड़कों से हटाना।
- उद्योगों को प्रदूषण कम करने के लिए निर्देश देना।
- पौधे लगाना।