लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा.
नई दिल्ली: संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर दो दिवसीय विशेष बहस के लिए शुक्रवार को लोकसभा का सत्र आयोजित होगा।
राज्यसभा में इसी विषय पर सोमवार और मंगलवार को चर्चा होगी।
इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य 26 नवंबर 1949 को अपनाए गए संविधान के महत्व और विकास पर चर्चा करना है। हालांकि, संसद के पिछले कई हफ्तों से बाधित रहने के चलते यह सत्र सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव के माहौल में होगा।
इस चर्चा में वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पहली बार लोकसभा में भाषण देने की संभावना है। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा की शुरुआत करेंगे। यह बहस शुक्रवार को दोपहर 12 बजे शुरू होगी।
भाजपा के 12 से अधिक नेता इस बहस में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर की शाम को बहस का उत्तर देंगे। एनडीए गठबंधन के नेताओं, जिनमें एचडी कुमारस्वामी, श्रीकांत शिंदे, शंभवी चौधरी, राजकुमार सांगवान, जीतन राम मांझी, अनुप्रिया पटेल और राजीव रंजन सिंह शामिल हैं, के भी चर्चा में भाग लेने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी आपातकाल और विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही “झूठी कथाओं” का उल्लेख कर सकते हैं। डीएमके नेता टीआर बालू और ए राजा तथा तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा भी इस चर्चा में भाग लेंगे।
भाजपा और कांग्रेस ने अपने सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए तीन-पंक्ति का व्हिप जारी किया है।
सूत्रों के अनुसार, 16 दिसंबर को राज्यसभा में इस चर्चा की शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि सदन चले और 13-14 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हो। उन्होंने स्पीकर से मुलाकात कर अपने खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया।