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जंतर मंतर पर धरना, दिल्ली की भूमि पूलिंग और हरित विकास नीति के लिए उठी मांग.

नई दिल्ली: दिल्ली देहात विकास मंच (डीडीवीएम) ने रविवार को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन की घोषणा की है।

यह प्रदर्शन लंबे समय से लंबित भूमि पूलिंग नीति (एलपीपी) और हरित विकास क्षेत्र (जीडीए) नीति के तुरंत क्रियान्वयन की मांग के लिए किया जाएगा।

मुख्य मांगे और मुद्दे:
दिल्ली मास्टर प्लान 2041: दिल्ली मास्टर प्लान कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र बाझाद ने मास्टर प्लान 2041 को अधिसूचित करने की मांग की।
भूमि पूलिंग नीति: किसानों और दिल्ली के शहरी विकास के लिए एलपीपी और जीडीए नीतियों के संशोधित क्रियान्वयन पर जोर दिया गया।
गंभीर समस्याएं: 70% विकसित क्षेत्र की अनिवार्यता, कंटिग्युटी मुद्दों को हल करने और कंसोर्टियम बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की।
डीडीए एक्ट संशोधन: 1957 के दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अधिनियम में संशोधन की मांग, जिससे शहरी विकास नीतियों के क्रियान्वयन में आ रही रुकावटें दूर हो सकें।
भूमि मूल्य वृद्धि: किसानों ने दिल्ली में भूमि मूल्य को गुरुग्राम से कम बताया। गुरुग्राम में भूमि की कीमत ₹60-80 करोड़ प्रति एकड़ है, जबकि दिल्ली में यह ₹2 करोड़ प्रति एकड़ है।
राजनीतिक समर्थन:
बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, कमलजीत सेहरावत और योगेंद्र चंदोलिया ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है।

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका:
डीडीवीएम ने भूमि पूलिंग और हरित विकास नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। इसकी सुनवाई 20 दिसंबर को निर्धारित है।

प्रदर्शन के उद्देश्य:
डीडीवीएम ने दावा किया कि इन नीतियों के क्रियान्वयन से दिल्ली में अवैध कॉलोनियों में रहने वाले 1 करोड़ लोगों और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित 50 लाख निवासियों की समस्याएं हल होंगी।

अभियान की रणनीति:
डीडीवीएम ने प्रदर्शन को मजबूत करने के लिए घर-घर जाकर समर्थन जुटाने और उनकी मांगों का समर्थन करने वाले उम्मीदवारों का प्रचार करने का वादा किया है।

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