आरोपियों ने कथित तौर पर फर्जी अदालती आदेश तैयार किए और उन्हें एक नकली सरकारी ईमेल आईडी के माध्यम से बैंक को भेजा। इन जाली दस्तावेजों के आधार पर, उन्होंने बैंक से अलग-अलग खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर करवा ली।
जब बैंक को संदिग्ध लेनदेन का पता चला, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि जालसाजों ने बहुत ही पेशेवर तरीके से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया और उन्होंने बैंक के सुरक्षा प्रोटोकॉल में सेंध लगाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया होगा।
पुलिस के अनुसार, ठगी की रकम ट्रांसफर होने के बाद, आरोपियों ने तेजी से पैसे निकाले और उनमें से एक बड़ा हिस्सा बेंगलुरु के विभिन्न कैसीनो और पब में खर्च कर दिया। पुलिस उन स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि आरोपियों की गतिविधियों और उनके साथियों के बारे में और जानकारी मिल सके।
पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है और उनसे गहन पूछताछ जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो जाएगा और ठगी की बाकी रकम भी बरामद कर ली जाएगी।
यह घटना बैंकों और वित्तीय संस्थानों में ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। पुलिस ने बैंकों से अपील की है कि वे अपने सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करें और कर्मचारियों को इस तरह की धोखाधड़ी की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित करें।
साथ ही, आम लोगों को भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध ईमेल या अनुरोध का जवाब देने से पहले उसकी सत्यता की जांच करने की सलाह दी गई है। ऑनलाइन लेनदेन करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतना भी महत्वपूर्ण है।
पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए हर पहलू से जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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