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कई आरोपी दुबई के पैरामाउंट टॉवर होटल में ठहरे थे

हैदराबाद, तेलंगाना: आंध्र प्रदेश शराब घोटाले की जांच में एक नया मोड़ आया है, जहाँ यह खुलासा हुआ है कि इस मामले से जुड़े कई आरोपी दुबई के पैरामाउंट टॉवर होटल में ठहरे थे।

इस जानकारी से घोटाले की अंतर्राष्ट्रीय सांठगांठ का भी खुलासा होने की संभावना है।

हैदराबाद के व्यवसायी आकर्ष कृष्णा ने विशेष जांच दल (SIT) को बताया है कि शराब घोटाले के आरोपी बुनेटी चाणक्य और पुरुषोत्तम वरुणकुमार, तेलंगाना फोन-टैपिंग मामले के मुख्य आरोपी श्रवण राव के साथ दुबई में ठहरे थे। यह जानकारी इन दो बड़े घोटालों के बीच संभावित संबंधों और अपराध के जटिल नेटवर्क को उजागर करती है। यह आशंका जताई जा रही है कि दुबई में रहकर इन आरोपियों ने आगे की साजिश रची या धन का लेन-देन किया होगा।

SIT इस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि दुबई में इन व्यक्तियों की गतिविधियों और उनके बीच के संबंधों का पता लगाया जा सके। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस जांच से शराब घोटाले और फोन-टैपिंग मामले के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित हो पाता है। यह खुलासा दर्शाता है कि कैसे आपराधिक नेटवर्क राष्ट्रीय सीमाओं से परे फैल रहे हैं, जिससे जांच एजेंसियों के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं।

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सिवनी, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में एक दुर्लभ पिट वाइपर (Pit Viper) सांप देखा गया है। मध्य प्रदेश में यह प्रजाति अपेक्षाकृत दुर्लभ मानी जाती है, जिससे इसका दिखना वन्यजीव प्रेमियों और वन अधिकारियों दोनों के लिए एक रोमांचक खबर है। यह खोज राज्य की जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।

जानकारी के अनुसार, इस पिट वाइपर को पेंच टाइगर रिजर्व के एक वन रक्षक ने अपनी नियमित गश्त के दौरान देखा। वन रक्षक ने तुरंत इसकी तस्वीर ली और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। पिट वाइपर अपने त्रिकोणीय सिर, गहरी आँखों के ऊपर एक गड्ढे (पिट) और गर्मी-संवेदी अंगों के लिए जाना जाता है, जो इसे अंधेरे में भी शिकार का पता लगाने में मदद करते हैं। इसका दिखना दर्शाता है कि रिजर्व का पारिस्थितिकी तंत्र स्वस्थ और विविध है।

यह खोज पेंच टाइगर रिजर्व के संरक्षण प्रयासों की सफलता को भी दर्शाती है, जहाँ वन्यजीवों को सुरक्षित आवास मिल रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञ इस बात से उत्साहित हैं क्योंकि यह प्रजाति पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वन विभाग ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे दुर्लभ जीवों से छेड़छाड़ न करें और उनके प्राकृतिक आवास को बनाए रखने में सहयोग करें।

 

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