
इसके तहत विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह से कई देशों का दौरा करेंगे। यह अभियान हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तेज किया गया है, जो पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारतीय कार्रवाई थी।
सरकार ने सत्ता और विपक्ष दोनों के वरिष्ठ सांसदों से संपर्क किया है और कई दलों ने अपने प्रतिनिधियों को भेजने की मंजूरी दे दी है। इन प्रतिनिधिमंडलों में सात से आठ सांसद होंगे जो 10 दिनों के भीतर चार से पांच देशों का दौरा करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में भेजे जाएंगे, ताकि भारत का पक्ष मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके। विदेश मंत्रालय की ओर से सभी सांसदों को रवाना होने से पहले विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
इस पहल में भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, जेडीयू, एनसीपी (एसपी), बीजेडी, शिवसेना (यूबीटी) और सीपीआई (एम) समेत कई दलों के सांसद शामिल होंगे। भाजपा से अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, रविशंकर प्रसाद और बृजलाल जैसे नेता प्रतिनिधिमंडल में रहेंगे। कांग्रेस की ओर से शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह को भी चुना गया है। इस प्रयास का उद्देश्य दुनिया को बताना है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा।