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नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ को लेकर दिए गए बयान पर विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन "नए भारत" में ऐसा नहीं हो रहा है।

गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को प्रयागराज में 29 जनवरी को महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी।

प्रधानमंत्री के महाकुंभ को सफल आयोजन बताने के बाद विपक्षी सांसद अपनी सीट से खड़े होकर विरोध करने लगे, जिसके चलते सदन को दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

संसद के बाहर राहुल गांधी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री के बयान का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारा इतिहास, परंपरा और संस्कृति है। लेकिन उन्होंने उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी जो भगदड़ में मारे गए थे।”

राहुल गांधी ने आगे कहा, “कुंभ में जो युवा गए थे, उन्हें प्रधानमंत्री से एक और चीज की जरूरत है और वो है रोज़गार। प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर भी बात करनी चाहिए।”

जब गांधी से पूछा गया कि उन्हें बोलने क्यों नहीं दिया गया तो उन्होंने कहा, “हमें बोलने नहीं दिया जाता। लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन ‘नए भारत’ में ऐसा नहीं होता।”

प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को एक महत्वपूर्ण आयोजन बताते हुए कहा कि इस आयोजन ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो भारत की क्षमता पर सवाल उठाते थे।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ ने दुनिया को भारत की भव्यता दिखाई और इस धार्मिक आयोजन ने ‘उभरते भारत’ की भावना को दर्शाया।

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