नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को इंजीनियर राशिद की संसद में भाग लेने की याचिका पर सुनवाई के लिए 25 मार्च की तारीख तय कर दी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपनी दलील में कहा कि राशिद को अंतरिम जमानत या हिरासत परोल देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिससे वह संसद सत्र में शामिल हो सकें।

इंजीनियर राशिद, जो जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक हैं, ने संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। राशिद ने आग्रह किया कि उन्हें अपने कर्तव्यों के तहत संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
NIA ने इस दावे का विरोध किया और कहा कि किसी भी आरोपी को कानून के तहत संसद सत्र में शामिल होने का स्वाभाविक अधिकार नहीं दिया जा सकता।
हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस याचिका पर 25 मार्च को निर्णय लिया जाएगा।
इंजीनियर राशिद को कथित रूप से आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे फिलहाल हिरासत में हैं। उनकी याचिका में कहा गया है कि संसद में उनकी उपस्थिति एक संवैधानिक दायित्व है, जिसे पूरा करने के लिए उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए।
NIA ने कोर्ट में तर्क दिया कि राशिद को इस अधिकार का कोई कानूनी आधार नहीं है और उनकी उपस्थिति से जांच में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
हाईकोर्ट अब 25 मार्च को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अंतिम फैसला सुनाएगा।