इन महिलाओं ने जिला पुलिस और CRPF के सामने आत्मसमर्पण किया।
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने आत्मसमर्पण की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति ‘नियाड नेलनार’ का असर दिख रहा है।
यह नीति दूरस्थ इलाकों में नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बनाई गई है।
आत्मसमर्पण करने वाली महिलाओं में से कुछ पर लाखों का इनाम घोषित था।
ये महिलाएं कई हिंसक घटनाओं में शामिल रही हैं, जिनमें सुरक्षा बलों पर हमले भी शामिल हैं।
प्रशासन ने आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास योजना का लाभ देने की बात कही है।
पुलिस और प्रशासन ने क्षेत्र में नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
इन महिलाओं ने आत्मसमर्पण के समय अपने हथियार और गोला-बारूद भी सौंपे।
अब उन्हें शिक्षा, रोजगार और जीवन जीने की सुविधाएं दी जाएंगी।
आत्मसमर्पण के बाद जिले में शांति व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है।
लगातार चल रही जनजागरूकता मुहिम का यह सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य है कि हिंसा छोड़ने वालों को सम्मानजनक जीवन दिया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों से नक्सली विचारधारा का प्रभाव घटा है।
प्रशासन का कहना है कि और नक्सलियों से भी बातचीत जारी है।
स्थानीय लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है और शांति की उम्मीद जताई है।
यह घटना क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में बड़ा संकेत मानी जा रही है।
सुरक्षा बलों ने आत्मसमर्पण के लिए महिला नक्सलियों की सराहना की है।
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