
जबकि पार्क के चार हाथी जापान के लिए रवाना हो गए हैं। यह बन्नेरघट्टा पार्क का अपनी तरह का पहला इतना बड़ा और अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीव विनिमय कार्यक्रम है।
यह विनिमय कार्यक्रम वैश्विक वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने और विभिन्न प्रजातियों के आनुवंशिक विविधता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। बन्नेरघट्टा पहुंचे चार चीतों से पार्क में इनकी आबादी बढ़ाने और दर्शकों के लिए एक नया आकर्षण जोड़ने की उम्मीद है। वहीं, जापान भेजे गए हाथियों को वहां के चिड़ियाघरों में रखा जाएगा, जहां वे जापानी दर्शकों के लिए एक नया अनुभव प्रदान करेंगे और एशियाई हाथियों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे।
इस बड़े पैमाने के वन्यजीव विनिमय ने न केवल दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत किया है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मिसाल भी कायम की है। यह दर्शाता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाया जा सकता है और उनके प्राकृतिक आवास के बाहर भी उनके लिए सुरक्षित वातावरण बनाया जा सकता है।