
जस्टिस विकास महाजन ने सुनवाई टाल दी, क्योंकि उन्हें हाईकोर्ट प्रशासन के वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि इस मामले की जमानत याचिका की सुनवाई एनआईए कोर्ट में हो सकती है।
रशीद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि एनआईए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर कोई फैसला नहीं किया, क्योंकि यह विशेष सांसद/विधायक अदालत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाईकोर्ट ने रशीद के वकील से कहा कि वह एनआईए कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन करें। हालांकि, रशीद के वकील ने एक सप्ताह के लिए मामले की सुनवाई स्थगित करने की मांग की।
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन को आदेश दिया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अदालत के लिए पास किया गया आदेश रिकॉर्ड पर रखा जाए।
इससे पहले, अब्दुल रशीद को 11 और 13 फरवरी को संसद सत्र में भाग लेने के लिए दो दिन की कस्टडी पैरोल दी गई थी।