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कामाख्या मंदिर अधिकारियों ने मानव बलि के आरोपों की निंदा की

गुवाहाटी, असम: शिलांग हनीमून हत्याकांड के संदर्भ में कामाख्या मंदिर को लेकर मानव बलि के लगाए गए आरोपों पर मंदिर प्रबंधन ने कड़ी आपत्ति जताई है।

कामाख्या मंदिर के अधिकारियों ने इन निराधार आरोपों की निंदा करते हुए स्पष्ट किया है कि उनके पवित्र परिसर में सदियों से कभी भी मानव बलि जैसी कोई अमानवीय प्रथा मौजूद नहीं रही है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि ऐसे आरोप एक सम्मानित धार्मिक स्थल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास हैं।

मंदिर अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि कामाख्या मंदिर सदियों से अपनी वैदिक परंपराओं, सात्विक अनुष्ठानों और आध्यात्मिक साधनाओं के लिए जाना जाता है। यह तांत्रिक शक्तिपीठों में से एक महत्वपूर्ण केंद्र है, लेकिन यहां हमेशा से ही शुद्ध और वैदिक पद्धतियों का ही पालन किया गया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि मानव बलि जैसी क्रूर और अमानवीय प्रथाओं का इस पवित्र स्थल से कोई लेना-देना नहीं है और ऐसे आरोप समाज में भ्रम तथा गलत धारणाएं फैलाते हैं।

मंदिर प्रबंधन ने इन आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, खासकर ऐसे समय में जब एक जघन्य हत्याकांड की जांच चल रही है। उन्होंने जांच एजेंसियों से अपील की है कि वे सच्चाई का पता लगाएं और ऐसे भ्रामक आरोपों को सिरे से खारिज करें जो एक प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल की छवि को धूमिल करते हैं। मंदिर के पुजारियों और हजारों अनुयायियों ने भी इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कामाख्या केवल श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है, न कि किसी अमानवीय कृत्य का।

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