गुरु ग्रंथ साहिब वाला एक अनूठा राधा-कृष्ण मंदिर.
बिहार में स्थित मणियारी मठ एक असाधारण धार्मिक स्थल है जो अपनी अनूठी विशेषता के लिए जाना जाता है।

यह मठ न केवल भगवान राधा-कृष्ण को समर्पित एक पारंपरिक हिंदू मंदिर है, बल्कि यहां पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब भी स्थापित है, जो सिख धर्म का केंद्रीय ग्रंथ है। यह अनोखी विशेषता इस मठ को सांप्रदायिक सद्भाव और अंतरधार्मिक एकता का प्रतीक बनाती है।
श्रद्धालु एक ही परिसर में राधा-कृष्ण की मूर्तियों की पूजा करते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेकते हैं, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाता है। यह मठ बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करता है, जो इसे एक विशेष महत्व प्रदान करता है।
मणियारी मठ केवल एक पूजा स्थल से कहीं बढ़कर है; यह विभिन्न समुदायों के बीच आपसी सम्मान और समझ का एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह मठ दिखाता है कि कैसे दो अलग-अलग धार्मिक परंपराएं एक साथ सामंजस्यपूर्ण रूप से सह-अस्तित्व में रह सकती हैं, शांति और भाईचारे का संदेश फैला सकती हैं। यह उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो धार्मिक एकता और सहिष्णुता में विश्वास रखते हैं।