जिला परिषद उपाध्यक्ष अनीता देवी ने उप विकास आयुक्त, लातेहार को पुनः पत्र लिखते हुए जिले में मान्यता प्राप्त वेंडरों के भौतिक सत्यापन की मांग की है।
उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि जिले में कई वेंडरों के प्रतिष्ठान केवल कागजों पर ही संचालित हो रहे हैं और उनके दस्तावेज भी अद्यतित नहीं हैं।
ऐसी स्थिति में सरकारी अभिलेखों और वेंडरों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों में असमानता की संभावना बनी रहती है। कई वेंडर निष्क्रिय हैं, जबकि कुछ वेंडर सभी प्रकार के सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं। भौतिक सत्यापन के अभाव में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। कुछ प्रतिष्ठानों द्वारा सरकार को टैक्स भी नहीं चुकाया जा रहा है, जिसकी जांच आवश्यक है।
अनीता देवी ने यह भी कहा है कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्होंने पहले भी उप विकास आयुक्त को ऐसा पत्र लिखा था, जिसके बाद जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से वेंडरों का भौतिक सत्यापन कर प्रतिवेदन मांगा गया था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रखंड से सत्यापन की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने गुमला जिले में वेंडरों की अनियमितताओं के कारण 8 करोड़ की वसूली के आदेश का पेपर कटिंग भी अपने पत्र के साथ संलग्न किया है। पत्र की प्रतिलिपि उपायुक्त लातेहार, आयुक्त पलामू प्रमंडल मेदिनी नगर, निदेशक पंचायती राज झारखंड सरकार और सचिव पंचायती राज, झारखंड सरकार को भी भेजी गई है।