
यह मिशन सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा, जो इसके बाहरी वातावरण का सबसे गर्म हिस्सा है।
मुख्य बिंदु:
Proba-3 मिशन में दो उपग्रह शामिल होंगे, जो सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेंगे।
यह मिशन एक खास तकनीक का उपयोग करेगा, जिसमें दोनों उपग्रह एक दूसरे के साथ तालमेल में उड़ान भरेंगे।
मिशन का उद्देश्य सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र, सौर तूफान और अन्य गतिविधियों का अध्ययन करना है।
कोरोना, जो लाखों डिग्री सेल्सियस तक गर्म होता है, सूर्य के बारे में गहरी समझ प्रदान कर सकता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अध्ययन से सौर ऊर्जा और अंतरिक्ष मौसम के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी।
यह मिशन भारत और यूरोपीय देशों के बीच मजबूत अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक है।
मिशन के दौरान उपग्रहों के तालमेल को नियंत्रित करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
ESA और ISRO के वैज्ञानिक इस परियोजना पर वर्षों से काम कर रहे हैं।
मिशन का डेटा भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों और अनुसंधानों में उपयोगी होगा।
मिशन अंतरिक्ष में मानव सुरक्षा और संचार तंत्र को मजबूत करने में योगदान देगा।
कोरोना के अध्ययन से वैज्ञानिकों को सौर ऊर्जा के उपयोग को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
मिशन से जुड़े सभी परीक्षण और तैयारी सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं।
वैज्ञानिक इस डेटा का उपयोग अंतरिक्ष अभियानों की नई तकनीकों के विकास में करेंगे।
यह मिशन भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेगा।