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जलवायु परिवर्तन से 2100 तक पृथ्वी की एक तिहाई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं.

नई दिल्ली: एक नए शोध के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण 2100 तक पृथ्वी की लगभग एक तिहाई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं।

बढ़ते तापमान, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और चरम मौसमी घटनाओं के कारण जीव-जंतुओं के रहने के स्थान नष्ट हो रहे हैं, जिससे उनकी संख्या में तेजी से कमी आ रही है।

यह शोध बताता है कि अगर हमने ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में सफलता नहीं पाई तो कई प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि हमें तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।

मुख्य बिंदु:

  • जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी की एक तिहाई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं।
  • बढ़ते तापमान और समुद्र के जलस्तर में वृद्धि से जीव-जंतुओं के रहने के स्थान नष्ट हो रहे हैं।
  • अगर हमने ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में सफलता नहीं पाई तो कई प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

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