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रोहिंग्या मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से स्पष्ट नीति बनाने की अपील.

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को केंद्र सरकार से रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए स्पष्ट नीति तैयार करने की अपील की। उन्होंने इसे 'मानवीय विवाद' करार दिया।

  1. केंद्र से अपील:
    उमर ने कहा कि केंद्र सरकार को रोहिंग्या शरणार्थियों के भविष्य पर फैसला लेना चाहिए।
  2. वापसी या मदद:
    उन्होंने कहा कि यदि उन्हें वापस भेजा जा सकता है, तो भेजा जाए। लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है, तो उन्हें भूख और सर्दी में मरने नहीं दिया जा सकता।
  3. इंसानियत की दुहाई:
    उमर ने रोहिंग्याओं के साथ गरिमा के साथ पेश आने की बात कही।
  4. जानवरों जैसा व्यवहार नहीं:
    मुख्यमंत्री ने कहा कि रोहिंग्या भी इंसान हैं और उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार नहीं होना चाहिए।
  5. रोहिंग्या विवाद:
    देशभर में रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर बहस तेज है, कई लोग उनकी तत्काल वापसी की मांग कर रहे हैं।
  6. जम्मू में बसे रोहिंग्या:
    जम्मू में रोहिंग्या शरणार्थियों की बड़ी संख्या बसी हुई है।
  7. मानवीय दृष्टिकोण:
    उमर ने शरणार्थियों के मुद्दे को मानवाधिकारों के नजरिए से देखने की अपील की।
  8. सर्दी में खतरा:
    उन्होंने कहा कि सर्दी में रोहिंग्याओं को सुरक्षित और गरिमापूर्ण आश्रय की जरूरत है।
  9. केंद्र का रवैया:
    केंद्र सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।
  10. राजनीतिक विवाद:
    रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद जारी है।
  11. स्थानीय विरोध:
    जम्मू में रोहिंग्याओं की उपस्थिति पर स्थानीय स्तर पर भी विरोध दर्ज हुआ है।
  12. संवेदनशील मुद्दा:
    उमर ने इस मुद्दे को अत्यंत संवेदनशील और मानवता से जुड़ा बताया।
  13. विकल्पों की तलाश:
    उन्होंने कहा कि सरकार को उनके भविष्य के लिए विकल्प तलाशने चाहिए।
  14. अंतरराष्ट्रीय दबाव:
    भारत पर इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान देने का दबाव है।
  15. शरणार्थियों की दुर्दशा:
    रोहिंग्याओं के पास बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।
  16. सामाजिक तनाव:
    रोहिंग्याओं की उपस्थिति से स्थानीय समुदाय में तनाव बढ़ा है।
  17. शांति बनाए रखने की अपील:
    उमर ने स्थानीय निवासियों से भी शांति बनाए रखने की अपील की।
  18. संविधान के तहत अधिकार:
    उन्होंने संविधान के तहत रोहिंग्याओं को बुनियादी अधिकार दिए जाने की बात कही।
  19. मानवीयता पर जोर:
    उमर ने कहा कि शरणार्थियों की देखभाल करना हर सरकार की जिम्मेदारी है।
  20. नीति बनाने की आवश्यकता:
    मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर जल्द नीति बनाने की मांग की।

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