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रक्षा मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा संस्थानों की स्वतंत्रता और संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर करने की कोशिश की है।

राजनाथ सिंह ने कहा, “कांग्रेस ने संविधान का बार-बार अनादर किया है। वे स्वतंत्र संस्थानों की स्वायत्तता को कभी बर्दाश्त नहीं कर सके और हमेशा इन्हें कमजोर करने का प्रयास किया।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कई ऐतिहासिक नेताओं के योगदान को नजरअंदाज कर केवल अपने फायदे के लिए संविधान का इस्तेमाल किया।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल आज संविधान की रक्षा की बात करते हैं, लेकिन यह उनके आचरण से मेल नहीं खाता। “आज कई नेता संविधान को जेब में रखने की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा इसे अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों के लिए इस्तेमाल किया है।”

राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा ने हमेशा संविधान को सर्वोच्च माना है और कभी भी संस्थानों की स्वायत्तता को प्रभावित नहीं किया। उन्होंने यह भी जोर दिया कि संविधान ने देश को धर्मनिरपेक्षता का रास्ता दिखाया, जो भारतीय लोकतंत्र की पहचान है।

सिंह ने कहा, “हमारा संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है; यह भारत के लोगों की सामूहिक इच्छा का प्रतीक है। यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन का मार्गदर्शन करता है।”

उन्होंने उन ऐतिहासिक नेताओं का जिक्र किया, जो संविधान सभा का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उनके विचारों ने संविधान को मजबूती दी। उन्होंने पंडित मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, भगत सिंह और वीर सावरकर जैसे नेताओं का नाम लिया, जिन्होंने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने संविधान की 75 वर्षों की यात्रा को भारत के विकास का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह न केवल हमारे अधिकारों का संरक्षक है, बल्कि हमारे कर्तव्यों का भी मार्गदर्शक है।

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