डॉक्टरों ने इस दवा के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की थी।
डॉक्टरों के अनुसार, बुपिवाकेन हाइड्रोक्लोराइड के उपयोग से मरीजों में गुर्दे फेल होना और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी जटिलताएं देखी गई हैं। इन समस्याओं की गंभीरता को देखते हुए जेकेएमएससीएल ने इस दवा के उपयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया।
डॉक्टरों ने बताया कि दवा का उपयोग करने के बाद कई मरीजों को गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ा। इनमें न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, सांस लेने में कठिनाई और किडनी फेल होने जैसी समस्याएं शामिल हैं।
अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे बुपिवाकेन हाइड्रोक्लोराइड के मौजूदा स्टॉक का उपयोग भी न करें और किसी अन्य विकल्प पर विचार करें। जेकेएमएससीएल ने अस्पतालों से रिपोर्ट मांगी है कि कितने मरीज इस दवा के कारण प्रभावित हुए हैं।
इस मुद्दे पर स्वास्थ्य विभाग ने भी गंभीरता दिखाई है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस मामले में गहराई से जांच की जाएगी।
डॉक्टरों और अस्पतालों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी तरह की अप्रत्याशित जटिलता की रिपोर्ट तुरंत स्वास्थ्य विभाग को भेजें। इसके अलावा, सभी अस्पतालों को बुपिवाकेन हाइड्रोक्लोराइड की जगह किसी अन्य सुरक्षित दवा का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।
इस दवा के उपयोग पर रोक लगाने का फैसला मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस बात पर भी जोर दिया है कि दवा कंपनियों की गुणवत्ता मानकों की जांच की जाएगी।
यह मामला तब सामने आया जब जम्मू-कश्मीर के कई अस्पतालों से मरीजों में जटिलताओं की शिकायतें दर्ज की गईं। अब इस दवा की आपूर्ति करने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी अस्पतालों में दवाओं की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो।