
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे अनुशासनहीनता और असभ्य आचरण बताते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की।
मुख्य बिंदु:
2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकारी कार्यालयों में तंबाकू, पान-गुटखा पर प्रतिबंध लगाया था।
इसके बावजूद यूपी विधानसभा परिसर में पान मसाला थूकने की घटना सामने आई।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता बताया।
CCTV फुटेज में कुछ विधायकों को पान मसाला चबाते और परिसर में थूकते देखा गया।
स्पीकर महाना ने खुद निरीक्षण कर दाग साफ करवाए।
उन्होंने विधायकों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की।
विधानसभा प्रशासन ने इस संबंध में स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी।
रिपोर्ट में बताया गया कि कई विधायक पान मसाला खाकर सदन में आते हैं।
स्पीकर ने इस व्यवहार को सदन की प्रतिष्ठा के खिलाफ बताया।
उन्होंने विधायकों से परिसर को स्वच्छ बनाए रखने की अपील की।
विधानसभा कर्मचारियों को निर्देश दिया गया कि वे सतर्क रहें।
सख्त नियम लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है।
सरकारी कार्यालयों और सदन में तंबाकू पर पूरी तरह प्रतिबंध की मांग उठी।
यह पहली बार नहीं, पहले भी विधायकों पर इस तरह के आरोप लगे हैं।
योगी सरकार ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को लेकर सख्त रही है।
विधानसभा प्रशासन दोषी विधायकों पर कार्रवाई के विकल्प तलाश रहा है।
सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के कई विधायक इस मामले में घिरे हैं।
स्पीकर ने विधायकों को चेतावनी देते हुए नियमों का पालन करने को कहा।
अगली बार ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
विधानसभा परिसर में साफ-सफाई को लेकर नए नियम बनाए जा सकते हैं।