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इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन के खिलाफ जांच और अदालती कार्यवाही पर HC का स्टे.

बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन के खिलाफ दर्ज एक मामले में जांच और अदालती कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

क्या है मामला?

आईआईएससी के पूर्व प्रोफेसर सन्ना दुर्गप्पा ने गोपालकृष्णन और 17 अन्य संकाय सदस्यों के खिलाफ जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दुर्गप्पा ने अपनी शिकायत में कहा था कि 2014 में उन्हें एक झूठे हनी-ट्रैप मामले में फंसाकर नौकरी से निकाल दिया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जातिगत गालियां और धमकियां दी गईं।

आरोप:

दुर्गप्पा ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपियों ने उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने और उन्हें नौकरी से निकालने की साजिश रची। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जातिगत गालियों और धमकियों के कारण उनके लिए कार्यस्थल का वातावरण असहनीय हो गया था।

जांच:

पुलिस ने दुर्गप्पा की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था और जांच शुरू कर दी थी। हालांकि, अब उच्च न्यायालय ने इस जांच पर रोक लगा दी है।

आगे की कार्यवाही:

उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। इसलिए, जांच और अदालती कार्यवाही पर रोक लगाना जरूरी है। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले की आगे की सुनवाई के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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