
यह पहल झारखंड को न केवल देश का पहला राज्य बनाएगी जहाँ इस तरह का फ्रेमवर्क तैयार किया गया है, बल्कि पूरे एशिया में पहला राज्य (चैंपियन स्टेट) होगा जो इस दिशा में कदम उठाएगा। इस फ्रेमवर्क का मुख्य उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संबंधित सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। स्वामिति इनिशिएटिव्स की प्रतिनिधि श्रीमती मेघा भट्टाचार्य ने इस विषय पर प्रस्तुति दी, जबकि योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार ने इसकी आवश्यकता और प्रासंगिकता पर विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर उपस्थित माननीय मंत्री, योजना एवं विकास विभाग, श्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य में कोयला आधारित विद्युत उत्पादन के प्रचलन और भविष्य की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए इस इंडेक्स के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैश्विक संदर्भ में विद्युत उत्पादन, कार्बन संक्रमण और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किए। मंत्री ने योजना एवं विकास विभाग को “Mother of All Department” बताते हुए राज्य के विकास में इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया और इस पहल के लिए योजना सचिव को धन्यवाद दिया। समझौता ज्ञापन पर योजना एवं विकास विभाग की ओर से विनोद यादव, संयुक्त सचिव और स्वामिति इनिशिएटिव्स की ओर से श्रीमती मेघा भट्टाचार्य (ट्रस्टी) ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।