राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय बालूमाथ में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं.
अनीता देवी उपाध्यक्ष, जिला परिषद लातेहार l

राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय बालूमाथ की जमीन में पुनः घर बनाने का प्रयास के संबंध में उपाध्यक्ष महोदय ने अंचल अधिकारी बालूमाथ से बातचीत की और बताया कि काम किसी भी हालत में नहीं होना चाहिए क्योंकि यह विशुद्ध रूप से विद्यालय की जमीन है l
पूर्व में भी इस तरह विद्यालय की जमीन को अतिक्रमित करने का प्रयास किया गया है जिसके विरोध में हम लोगों ने आवाज उठाई है और काम को रोका है l
पुनः प्रधानाचार्य के द्वारा एवं उपाध्यक्ष जिला परिषद के द्वारा उपायुक्त को एक पत्र लिखकर दान पत्र के अनुसार जमीन की मापी कराने का आग्रह किया गया ताकि जमीन का अतिक्रमण ना हो सके l लेकिन अभी तक स्पष्ट रूप से मापी कर सीमांकन का कार्य नहीं हो पाया है l
अंचल अधिकारी के द्वारा विद्यालय की जमीन पर किसी व्यक्ति के जबरदस्ती दखल को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है l
ज्ञात हो कि 1964 में राज्यपाल के नाम से डीड करके विद्यालय को 9 एकड़ 10 डिसमिल जमीन प्राप्त हुआ l
उसके बाद से विद्यालय जमीन पर दखल लेकर कायम है बड़ा प्लॉट होने के कारण पूरी जमीन में बाउंड्री नहीं की गई थी l
जमीन दलालों ने खाली पड़ी जमीन को कब्जा करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाएं l
जमीन के ठीक पश्चिमी छोर पर अमान मियां का घर है, जिनके डीड की चौहद्दी में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है पूर्व में विद्यालय की जमीन l
ऐसी स्थिति में अमान मियां के घर और विद्यालय की जमीन के बीच में फिर नया जमीन कहां से आ गया l
पूर्व में इसी स्थल पर काम कराया जा रहा था, जिसे तत्कालीन उपायुक्त भोर सिंह यादव के निर्देश पर अंचलाधिकारी ने काम को बंद कराया था और अतिक्रमणवाद संख्या 3/23- 24 चलाया था जिसमें अंतिम आदेश भी पारित हो चुका है l उक्त आदेश में अतिक्रमणकारियों को अपने अधूरे निर्माण को हटाने का आदेश पारित था l ऐसा प्रतीत होता है कि अतिक्रमण वाद के अभिलेख को कार्यालय में छुपा कर मामले को लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है l
अतिक्रमणवाद में अतिक्रमण हटाने हेतु पारित आदेश के बावजूद पुनः काम शुरू किया जाना और अंचल प्रशासन के द्वारा काम नहीं रोका जाना संदेह उत्पन्न करता है l
उपाध्यक्ष महोदय ने बताया कि लोग चाहे लाख प्रयास कर ले विद्यालय की जमीन में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जल्द ही इस मामले से उपायुक्त महोदय को अवगत कराया जाएगा l
जरूरत पड़ने पर न्यायालय की भी शरण ली जाएगी l