
बुधवार को स्पीकर सुरमा पाधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तारा प्रसाद बहिनिपति और रमेश जेना को सात दिन के लिए निलंबित कर दिया।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के 12 विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया था। अब विधानसभा में कांग्रेस के सभी 14 विधायक निलंबन की चपेट में आ चुके हैं।
स्पीकर ने बताया कि बार-बार चेतावनी के बावजूद तारा बहिनिपति और रमेश जेना ने सदन की कार्यवाही में बाधा डाली और लगातार घंटी बजाकर हंगामा किया।
निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने मास्टर कैंटीन स्क्वायर से विधानसभा तक रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने घंटियां बजाकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
विधानसभा गेट पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया, जिससे कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प हुई। विरोध में कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा गेट के बाहर धरना दिया।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि निलंबन आदेश विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि वे महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों की जांच के लिए हाउस कमेटी के गठन की मांग कर रहे थे।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने कहा, “मुख्यमंत्री को राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों का जवाब देना होगा। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। हम इस अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे।”
पुलिस ने विधानसभा गेट पर धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। विधानसभा के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि हालात बेकाबू न हों।