
बेंगलुरु, कर्नाटक: कर्नाटक के एक गांव में बंदरों का आतंक ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बन गया है, और उनकी बार-बार की अपीलें अनसुनी की जा रही हैं। यह स्थिति ग्रामीणों के दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है, जिससे वे लगातार भय और परेशानी में जी रहे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्रामीण लगातार वन विभाग और स्थानीय प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं।
हानागल के वन अधिकारी गिरीश ने इस संबंध में बताया कि वही बंदर पिछले साल भी इसी तरह की समस्या पैदा कर रहा था, लेकिन बाद में वह अपने समूह में वापस लौट गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उकसावे की कार्रवाई अक्सर बंदरों में असामान्य व्यवहार को जन्म देती है। अधिकारी के इस बयान से ग्रामीणों में निराशा है क्योंकि उन्हें इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं मिल पा रहा है। बंदर खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद कर रहे हैं, घरों में घुसकर नुकसान पहुंचा रहे हैं और कई बार लोगों पर हमला भी कर चुके हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वे इस समस्या से इस कदर परेशान हैं कि उन्हें अपने बच्चों को अकेला बाहर भेजने में भी डर लगता है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए और जल्द से जल्द कोई स्थायी समाधान निकाला जाए। इस तरह की घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों और मानवों के बीच संघर्ष को दर्शाती हैं, जिसके लिए एक व्यापक नीति और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।