
कांग्रेस चाहती है कि पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई टेलीफोनिक बातचीत की जानकारी सभी दलों को दें और देश को भरोसे में लें। पार्टी ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और ट्रंप के बीच होने वाले लंच को “बड़ा झटका” बताया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि अगर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री होतीं, तो वे अमेरिकी राष्ट्रपति को जरूर अपनी नाराजगी जाहिर करतीं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को कश्मीर मुद्दे पर ‘पहलगाम रिव्यू कमेटी’ का गठन करना चाहिए, जैसा कारगिल युद्ध के बाद ‘कारगिल रिव्यू कमेटी’ बनाई गई थी। रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में ट्रंप के उस दावे का खंडन करना चाहिए जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अमेरिका व्यापार के जरिये मध्यस्थता की कोशिश कर रहा था।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से 35 मिनट की फोन बातचीत में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के आग्रह पर अस्थाई रूप से हमले रोके थे, न कि किसी मध्यस्थता या व्यापार सौदे की पेशकश के कारण। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार की कूटनीति सिर्फ दिखावे पर आधारित है, जबकि इसे ठोस और पारदर्शी होना चाहिए।