
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्र सरकार पर ओणम पर्व के लिए राज्य को अतिरिक्त चावल नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य की जरूरतों को नजरअंदाज करने और राजनीतिक भेदभाव का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने मांग की थी कि गैर-प्राथमिकता कार्ड धारकों को प्रति परिवार 5 किलोग्राम चावल ₹8.30 प्रति किलो की रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री विजयन ने इस मसले पर फेसबुक पोस्ट करते हुए सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर केंद्र के इस ‘केरल विरोधी रुख’ के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो वर्षों से टाइड-ओवर आवंटन के तहत जो गेहूं दिया जाता था, उसे भी बंद कर दिया गया है, जबकि राज्य की जनसंख्या और त्योहारों की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसकी आवश्यकता बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की नीतियां राज्य की खाद्य आपूर्ति व्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं।
सीएम विजयन ने चेतावनी दी कि यदि त्योहारों जैसे अवसरों पर आवश्यक खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं होती, तो बाजार में कीमतें असामान्य रूप से बढ़ सकती हैं। इससे आम लोगों को परेशानी होगी, खासकर वे जो प्राथमिकता सूची में नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ खाद्यान्न का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और संघीय ढांचे की मर्यादा का भी है। राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर आगे भी केंद्र से संवाद करती रहेगी।