
ची, झारखंड: झारखंड पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जो बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बना रहे थे। पुलिस इन अपराधियों के डिजिटल जाल को तोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है।
डीआईजी अनुराग गुप्ता ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बढ़ते मामलों को उजागर करते हुए बताया कि ये विदेशी साइबर अपराधी पुलिस अधिकारियों और वकीलों की फर्जी तस्वीरों और आईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे भोले-भाले बेरोजगार युवाओं को नौकरी या अन्य प्रलोभनों का झांसा देकर उनसे पैसे ठग रहे थे। ऐसे मामले सामने आए हैं जहाँ अपराधियों ने पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, और फिर उन्हें छोड़ने के एवज में पैसे की मांग की गई। यह नई तरह की धोखाधड़ी युवाओं के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है।
झारखंड पुलिस अब इन अंतरराष्ट्रीय गिरोहों की पहचान करने और उन्हें ध्वस्त करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग कर रही है। डीआईजी गुप्ता ने युवाओं और आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेशों से सावधान रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी या पैसे किसी अज्ञात व्यक्ति को न दें।