
अमरावती, आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में तेंदुए के हमले में एक किसान के गंभीर रूप से घायल होने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया में हुई देरी और अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण स्थिति और बिगड़ी। यह घटना [संभावित जिला/क्षेत्र का नाम, यदि उपलब्ध हो] के एक ग्रामीण इलाके में हुई, जहां किसान अपने खेत में काम कर रहा था तभी तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया।
ग्रामीणों और विशेष रूप से किसानों ने इस घटना के लिए अधिकारियों की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों के टालमटोल वाले रवैये और घटनास्थल पर भीड़ नियंत्रण के उचित उपायों की कमी के कारण उनकी एक दिन की पूरी फसल बर्बाद हो गई। तेंदुए के हमले के बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा हो गए, जिससे बचाव कार्य में बाधा आई और तेंदुए को नियंत्रित करने तथा उसे सुरक्षित पकड़ने में भी काफी समय लगा। किसानों का कहना है कि समय पर कार्रवाई न होने से न केवल किसान घायल हुआ, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत से उगाई गई फसल को भी अनावश्यक नुकसान पहुंचा।
इस घटना के बाद वन विभाग और स्थानीय प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। स्थानीय लोगों ने विभाग से वन्यजीवों द्वारा मानव बस्तियों में घुसपैठ को रोकने और ऐसी आपातकालीन घटनाओं से निपटने के लिए एक प्रभावी और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करने की मांग की है। अधिकारियों ने घायल किसान को अस्पताल में भर्ती कराया है और उसके इलाज का खर्च वहन करने का आश्वासन दिया है। विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को सक्रिय करने का वादा किया है ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सके और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।