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कश्मीर में ओलावृष्टि पीड़ित सेब किसानों को सिर्फ ₹1000 मुआवजा।

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: कश्मीर घाटी में इस साल अप्रैल से रुक-रुक कर हो रही ओलावृष्टि ने सेब किसानों की कमर तोड़ दी है।

भारी नुकसान के बावजूद, सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे की राशि इतनी कम है कि इसे किसानों के ‘जख्मों पर नमक छिड़कने’ जैसा माना जा रहा है। यह स्थिति पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों के लिए बड़ी निराशा का कारण बनी है।

अधिकारियों का अनुमान है कि इस साल की ओलावृष्टि से फलों के बागों को 70-80 प्रतिशत तक भारी नुकसान हुआ है। सेब, जो कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, को हुए इस बड़े पैमाने के नुकसान से हजारों किसान परिवार प्रभावित हुए हैं। ऐसे में, जब किसानों को अपनी फसल का बड़ा हिस्सा खो देने के कारण भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें सिर्फ ₹1000 की मामूली राहत राशि दी जा रही है, जो उनके हुए नुकसान के मुकाबले नगण्य है। किसानों का कहना है कि यह राशि उनके इनपुट लागत का भी एक छोटा सा हिस्सा नहीं है।

किसानों ने सरकार से मुआवजे की राशि बढ़ाने और उन्हें पर्याप्त सहायता प्रदान करने की मांग की है ताकि वे इस संकट से उबर सकें और अगले साल की फसल के लिए तैयारी कर सकें। उनका कहना है कि यदि तत्काल और पर्याप्त सहायता नहीं मिली तो कई किसान दिवालिया हो सकते हैं। प्रशासन को इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और किसानों को उचित राहत प्रदान करनी होगी ताकि वे इस प्राकृतिक आपदा के दोहरे मार से बच सकें।

 

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