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काजू व्यापारी की याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने जहाज़ जब्त किया।

कोच्चि, केरल: एमएससी एल्सा-3 (MSC Elsa-3) जहाज़ दुर्घटना में हुए नुकसान के बाद एक काजू व्यापारी ने केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है,

जिसके परिणामस्वरूप अदालत ने एक अन्य संबंधित जहाज़ को जब्त करने का आदेश दिया है। यह फैसला समुद्री दुर्घटनाओं में हुए नुकसान की भरपाई के लिए कानूनी उपायों की महत्ता को दर्शाता है और उन व्यापारियों के लिए राहत की खबर है जिन्होंने अपना माल खोया है।

जानकारी के अनुसार, काजू व्यापारी को एमएससी एल्सा-3 जहाज़ दुर्घटना में भारी वित्तीय नुकसान हुआ था, जिसके बाद उन्होंने क्षतिपूर्ति के लिए अदालत का रुख किया। उच्च न्यायालय ने व्यापारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए Mediterranean Shipping Company (MSC) के एक और जहाज़ (जिसे एमएससी पोलो II या एमएससी मनासा एफ के नाम से भी जाना जाता है, जो एमएससी एल्सा-3 का ‘सिस्टर शिप’ है) को जब्त करने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि कंपनी 74 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करती है तो जहाज़ को विझिंजम बंदरगाह से जाने की अनुमति दी जा सकती है। इससे पहले भी, अन्य कार्गो मालिकों की याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने इसी कंपनी के एक अन्य जहाज़ को जब्त करने का आदेश दिया था।

यह आदेश दर्शाता है कि भारतीय कानून में समुद्री दावों की वसूली के लिए ‘सिस्टर शिप अरेस्ट’ (Sister Ship Arrest) का सिद्धांत कितना प्रभावी है, खासकर जब शिपिंग कंपनी के पास भारत में सीधे तौर पर कोई अटैचेबल संपत्ति न हो। यह निर्णय उन सभी व्यापारियों और निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करेगा जो ऐसी समुद्री दुर्घटनाओं में अपना माल गंवाते हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिम्मेदार पक्षों को उनके नुकसान की भरपाई करनी पड़े, और समुद्री व्यापार में जवाबदेही बनी रहे।

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