
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक बाल हिरासत मामले (child custody case) में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) को रूसी दूतावास के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया है। इस मामले में यह नया मोड़ तब आया है जब रूसी महिला के साथ दूतावास के अधिकारियों के कथित संबंध सामने आए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने विदेश मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को यह भी निर्देश दिया है कि वे रूसी दूतावास के अधिकारियों के रूसी महिला के साथ कथित जुड़ाव की जांच करें। यह निर्देश तब आया है जब महिला ने बच्चे की हिरासत का दावा किया है और दूतावास के अधिकारियों पर उसकी मदद करने या मामले को प्रभावित करने का आरोप लगा है। अदालत यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस संवेदनशील मामले में कोई अनुचित प्रभाव या हस्तक्षेप न हो, खासकर जब इसमें एक बच्चे का भविष्य जुड़ा हो।
इस जांच से दूतावास के अधिकारियों की भूमिका और बाल हिरासत के मामलों में विदेशी राजनयिकों की सीमाएं स्पष्ट होने की उम्मीद है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय संबंधों और न्यायिक प्रक्रिया के बीच एक जटिल संतुलन प्रस्तुत करता है। विदेश मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को अब इस मामले में गहन जांच करनी होगी और सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।