
मुख्य बिंदु:
- राजीव सिंह अरोड़ा ने 28 विश्वविद्यालयों के फर्जी मार्कशीट बनाए।
- बेंगलुरु विश्वविद्यालय और राज्य के ओपन यूनिवर्सिटी के नकली प्रमाणपत्र भी मिले।
- वह बेरोजगार युवाओं को ठगकर लाखों रुपये कमा रहा था।
- पुलिस ने उसे दिल्ली के राम पार्क अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया।
- 522 फर्जी मार्कशीट और 1622 खाली मार्कशीट जब्त की गईं।
- 122 फर्जी मुहरें, 36 मोबाइल, दो लैपटॉप और एक प्रिंटर मिला।
- 85 बैंक पासबुक और 123 फर्जी आईडी कार्ड भी जब्त किए गए।
- पिछले 8 सालों से वह फर्जी मार्कशीट तैयार कर रहा था।
- पुलिस को उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश है।
- पुलिस आयुक्त शरणप्पा एसडी ने मामले का खुलासा किया।
- आरोपी ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कागजात की नकल की थी।
- बेरोजगार युवाओं को डिग्री दिलाने के बहाने ठगा जाता था।
- फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी नौकरियों में भी इस्तेमाल किया गया।
- अरोड़ा के बैंक खातों में लाखों रुपये का लेन-देन मिला।
- पुलिस जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करेगी।
- जांच एजेंसियां इस रैकेट के इंटरनेशनल कनेक्शन की जांच कर रही हैं।
- फर्जी डिग्री के कारण कई कंपनियों को भारी नुकसान हुआ।
- स्टूडेंट्स और जॉब सीकर्स को ऐसे गिरोह से सतर्क रहने की सलाह दी गई।
- इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।