
विधेयक पर चर्चा के दौरान गरमागरमी रही, और स्पीकर को कुछ टिप्पणियां कार्यवाही से हटानी पड़ीं। विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया, जबकि भाजपा द्वारा इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग को अस्वीकार कर दिया गया।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने इस विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बहस के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राधा स्वामी सत्संग, ब्यास एक परोपकारी संगठन है। उन्होंने विपक्ष पर अप्रत्यक्ष रूप से समाधान में बाधा डालने का आरोप लगाया।
इस विधेयक का उद्देश्य हमीरपुर के भोटा में राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) अस्पताल की भूमि को उसकी सहायक संस्था महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान करना है।
RSSB ने राज्य सरकार से भूमि हस्तांतरण की सुविधा के लिए संपर्क किया था, लेकिन मौजूदा भूमि कानूनों के कारण अड़चनें आईं। इसके बाद संगठन ने 25 नवंबर को अस्पताल के गेट पर नोटिस लगाकर सेवा बंद करने की घोषणा की।
अस्पताल बंद होने के कारण पिछले महीने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें खासकर महिलाओं ने सड़कों पर जाम लगाया। इन विरोधों के बाद, मुख्यमंत्री ने शीतकालीन सत्र में भूमि सीमा अधिनियम में संशोधन पेश करने की बात कही।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह संशोधन सभी धार्मिक, परोपकारी और आध्यात्मिक संगठनों पर लागू होगा और सरकार सुनिश्चित करेगी कि इस कानून का दुरुपयोग न हो।