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चेन्नई में मॉनसून बाढ़ रोकने तमिलनाडु ने नई योजना शुरू।

चेन्नई, तमिलनाडु: मॉनसून में होने वाली बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए तमिलनाडु ने एक अभिनव कदम उठाया है।

चेन्नई में भारत के पहले जर्मन वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) मॉडल की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य शहर को भारी बारिश के दौरान जलभराव से बचाना है। यह परियोजना चेन्नई के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन इस मॉडल के तहत शहर भर में आठ कैच पिट (Catch Pits) का निर्माण कर रहा है। प्रत्येक कैच पिट में पांच लाख लीटर वर्षा जल को संग्रहित करने की क्षमता होगी। इन विशाल संरचनाओं का उपयोग बारिश के पानी को सीधे भूजल में रिचार्ज करने या इसे बाद में उपयोग के लिए स्टोर करने के लिए किया जाएगा। यह न केवल शहरी बाढ़ को कम करेगा, बल्कि शहर के भूजल स्तर को बढ़ाने में भी मदद करेगा, जो गर्मी के महीनों में अक्सर कम हो जाता है। यह जर्मन तकनीक, अपनी दक्षता और प्रभावशीलता के लिए जानी जाती है, जो चेन्नई की विशिष्ट जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है।

इस परियोजना से चेन्नई को हर साल मॉनसून के दौरान होने वाली जलभराव की समस्या से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है। यह अन्य भारतीय शहरों के लिए भी एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है जो इसी तरह की शहरी बाढ़ और जल संकट का सामना कर रहे हैं।

 

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