गडग: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने रविवार को मुस्लिम समुदाय के लिए सार्वजनिक ठेकों में 4 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले का बचाव किया।
उन्होंने इस मुद्दे पर विरोध कर रही भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार सभी नागरिकों का ध्यान रखती है।

शिवकुमार ने भाजपा को चुनौती दी कि वह ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों को विधान परिषद (MLC), राज्यसभा सदस्य या केंद्र सरकार में मंत्री बनाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा केवल इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।
इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने ‘X’ पर पोस्ट कर कांग्रेस सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया था।
विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र को भड़काने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा समानता के सिद्धांत का पालन करती है।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों को बड़ी हिस्सेदारी और अन्य समुदायों को छोटी हिस्सेदारी देने की नीति अपनाई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक को “सभी जातियों के लिए शांति का बगीचा” बनाने की कवि कुवेंपू की परिकल्पना को नष्ट कर दिया है।
कांग्रेस सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है।
कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था।
इसमें 2 करोड़ रुपये तक के सिविल कार्यों और 1 करोड़ रुपये तक के सामान/सेवा अनुबंधों में यह आरक्षण लागू होगा।
कांग्रेस सरकार का कहना है कि यह फैसला पिछड़े और वंचित वर्गों के लिए उठाया गया कदम है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह आरक्षण धार्मिक आधार पर भेदभाव को बढ़ावा देगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले का असर आगामी चुनावों में देखने को मिल सकता है।
राज्य के कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है।
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यह फैसला समानता के सिद्धांत को मजबूत करता है।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
कर्नाटक में इस फैसले को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है।