शराबी पति से परेशान पूनम बनी सफाई कर्मी, बेटी के भविष्य के लिए कर रहीं संघर्ष.
रुड़की: अपने शराबी पति की आदतों से तंग आकर रुड़की की रहने वाली पूनम गुर्जर ने कचरा उठाने का काम शुरू कर दिया है ताकि वह अपनी बेटी को बेहतर भविष्य दे सके।

बिहार की रहने वाली पूनम पिछले छह वर्षों से अपने परिवार के साथ रुड़की में रह रही हैं।
उनके पति भी रिक्शा चालक हैं, लेकिन शराब की लत के कारण वे अपनी सारी कमाई नशे में बर्बाद कर देते हैं।
पति की इस आदत के कारण पूनम को मजबूर होकर घर-घर झाड़ू-पोंछा का काम शुरू करना पड़ा।
हालांकि, इससे होने वाली कमाई से परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा था, इसलिए उन्होंने कचरा उठाने का काम शुरू किया।
हर सुबह जब शहर नींद से जागता है, पूनम अपनी रिक्शा लेकर गलियों में सफाई के लिए निकल पड़ती हैं।
अपने इस काम से पूनम अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं और बेटी की शिक्षा का खर्च भी उठा रही हैं।
पूनम का सपना है कि उनकी बेटी पढ़-लिखकर एक सफल व्यक्ति बने।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्हें कचरा उठाने के काम में काफी परेशानी हुई, लेकिन अब वह इसे ही अपना रोजगार मान चुकी हैं।
पूनम का कहना है कि मेहनत से ही वह अपनी बेटी का भविष्य संवार सकती हैं।
स्थानीय लोग पूनम के इस संघर्ष को सराहते हुए उनकी मदद भी कर रहे हैं।
कई संगठनों ने भी पूनम को सहयोग देने की पहल की है ताकि उनका संघर्ष आसान हो सके।
पूनम की मेहनत और संघर्ष से लोग प्रेरणा ले रहे हैं और इसे महिला सशक्तिकरण का उदाहरण मान रहे हैं।
उनका मानना है कि कठिन हालात में भी हार न मानते हुए आगे बढ़ना ही सफलता की कुंजी है।
पूनम अपने मजबूत इरादों के बल पर अपनी बेटी के सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत हैं।
स्थानीय समाजसेवियों ने प्रशासन से पूनम को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
पूनम का संघर्ष उन सभी के लिए मिसाल है जो मुश्किल हालात में भी हार मानने की बजाय डटकर सामना करते हैं।
पूनम का यह जज्बा उनकी बेटी के उज्ज्वल भविष्य के सपने को साकार करने में मददगार साबित हो रहा है।
उनकी कहानी समाज में महिलाओं की ताकत और हिम्मत का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है।