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‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर संसदीय समिति का कार्यकाल बढ़ा.

नई दिल्ली: लोकसभा ने मंगलवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' (ONOE) के तहत दो विधेयकों की जांच कर रही संसदीय समिति के कार्यकाल को बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया।

अब इस समिति का कार्यकाल संसद के मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रहेगा।

समिति के कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव पारित
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी पी चौधरी ने सदन में कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

समिति में नया सदस्य जोड़ा गया
लोकसभा महासचिव ने सदन को बताया कि समिति में राज्यसभा के एक नए सदस्य को शामिल किया जा रहा है। यह स्थान वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजयसाई रेड्डी के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था।

पिछले शीतकालीन सत्र में गठित हुई थी समिति
यह समिति पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान गठित की गई थी और इसका कार्यकाल वर्तमान सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन समाप्त होने वाला था।

समिति के कार्य में देरी की संभावना
समिति के सदस्यों का मानना है कि प्रस्तावित कानूनों का व्यापक प्रभाव होगा, जिसके कारण उन्हें कई पक्षों से परामर्श करना पड़ेगा।

राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से चर्चा आवश्यक
समिति के अनुसार, उन्हें राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों सहित कई हितधारकों से सलाह-मशविरा करने की आवश्यकता होगी।

बिल के क्रियान्वयन पर जोर
यह समिति इस महत्वपूर्ण कानून के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदमों पर भी चर्चा कर रही है।

देशव्यापी चुनाव प्रणाली पर मंथन जारी
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए चुनाव आयोग सहित अन्य संस्थानों से सुझाव मांगे जा रहे हैं।

संसद में सहमति बनाना चुनौती
इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों में मतभेद हैं, जिसके कारण व्यापक चर्चा की आवश्यकता है।

आगे की रणनीति पर काम जारी
समिति अब विभिन्न पक्षों के विचारों को समेटते हुए रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में जुटी है।

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