पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों के बीच, कश्मीर में ब्याही गईं पाकिस्तानी महिलाओं ने अपनी संभावित वापसी को “किसी बुरे सपने से कम नहीं” बताया है।
इन महिलाओं का कहना है कि दशकों से वे कश्मीर को अपना घर मान चुकी हैं और अब पाकिस्तान लौटना उनके लिए एक बड़ा संकट होगा।

इन पाकिस्तानी दुल्हनों का कहना है कि उन्होंने सीमा के दोनों ओर अपने परिवार बनाए हैं और अब उन्हें अपने बच्चों और पतियों से अलग होने का डर सता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर की संस्कृति और जीवनशैली में वे पूरी तरह से घुलमिल गई हैं और पाकिस्तान में अब उनके लिए कुछ भी परिचित नहीं रह गया है। उनकी यह आशंका भारत सरकार द्वारा पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा कारणों से उठाए जा रहे कदमों के मद्देनजर और बढ़ गई है।
इन महिलाओं ने भारत सरकार से मानवीय आधार पर विचार करने की अपील की है। उनका कहना है कि वे किसी भी तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं और उन्होंने हमेशा शांति और सद्भाव में विश्वास रखा है। उनका कहना है कि उन्हें उनके पतियों और बच्चों से अलग करना न केवल उनके लिए बल्कि उनके पूरे परिवार के लिए एक बड़ा आघात होगा। उन्होंने सरकार से इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया है।