
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विविधता और जनजातीय समुदायों की समृद्ध विरासत की सराहना करते हुए कहा कि यह क्षेत्र अब भारत के विकास की धुरी बन चुका है। उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में पूर्वोत्तर को सीमांत क्षेत्र से विकास के केंद्र में बदलने का प्रयास सफल रहा है और अब इसका पूरा आर्थिक और सामाजिक सामर्थ्य सामने लाने का समय आ गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर की बेहतरी के लिए संकल्पबद्ध है और बीते वर्षों में इस क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि 11 वर्षों में केंद्रीय मंत्री 700 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं, जिससे सरकार को वहां की जमीनी जरूरतों को बेहतर समझने में मदद मिली है। इस दौरे के दौरान उन्होंने मंत्रियों को रातभर रुकने की भी अनिवार्यता दी, जिससे विकास योजनाएं जमीनी हकीकत के अनुरूप बन सकें।
पीएम मोदी ने बताया कि पूर्वोत्तर में 11,000 किलोमीटर से ज्यादा राजमार्ग, नई रेल परियोजनाएं, जलमार्ग, 4G और 5G नेटवर्क के विस्तार और 1600 किमी लंबी गैस पाइपलाइन जैसी परियोजनाएं विकास की रफ्तार को दर्शाती हैं। उन्होंने इसे सिर्फ भौतिक विकास नहीं, बल्कि भावनात्मक एकता का भी प्रतीक बताया। इस समिट में मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और अनिल अग्रवाल जैसे उद्योगपति भी शामिल हुए।.