
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में पिछला महीना भयावह रहा। सशस्त्र संघर्ष में 19 नागरिकों की जान चली गई, जबकि पाकिस्तानी पक्ष से भारी गोलाबारी ने लोगों का जीवन ദുസ്സഹ बना दिया, जिससे वे पलायन करने पर मजबूर हो गए।
आतंकवादियों द्वारा किए गए इस हमले और उसके बाद सीमा पार से हुई गोलाबारी के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हुए कई परिवारों के लिए यह एक डरावना अनुभव रहा। ड्रोन हमलों ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया, जिससे आम नागरिकों में डर का माहौल पैदा हो गया।
एक महीने बीत जाने के बाद भी, क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। सरकार और सुरक्षा बल स्थिति को सामान्य करने और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, पहलगाम हमले की छाया और सीमा पर जारी तनाव ने लोगों के मन में अनिश्चितता पैदा कर दी है।