सह्याद्रि टाइगर रिजर्व में दिखा काला जंगली कुत्ता.
1936 के बाद पहली बार हुई ऐसी दुर्लभ पहचान

कोल्हापुर, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के सह्याद्रि टाइगर रिजर्व में एक बेहद दुर्लभ घटना सामने आई है, जहाँ एक काला जंगली कुत्ता देखा गया है। यह 1936 के बाद इस क्षेत्र में इस प्रजाति का पहला ज्ञात अवलोकन है, जिससे वन्यजीव संरक्षणवादियों और शोधकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। यह खोज इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता और अनछुए वन्यजीवन का संकेत देती है।
जंगली कुत्ते, जिन्हें ढोल के नाम से भी जाना जाता है, आमतौर पर 15-20 के समूहों में शिकार करते हैं। वे अपनी आक्रामक शिकार शैली के लिए जाने जाते हैं, जो अन्य जानवरों को उनसे भयभीत करती है। काले रंग का यह विशिष्ट प्रकार और भी दुर्लभ माना जाता है। इस पहचान से सह्याद्रि टाइगर रिजर्व के पारिस्थितिकी तंत्र में ढोल की उपस्थिति की पुष्टि हुई है, जो इस संरक्षित क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि इस दुर्लभ पहचान से ढोल के संरक्षण प्रयासों को बल मिलेगा। यह प्रजाति भारत में लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में शामिल है, और इनकी आबादी को बचाने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है। यह अवलोकन सह्याद्रि टाइगर रिजर्व में दीर्घकालिक संरक्षण रणनीतियों को विकसित करने में मदद करेगा, ताकि इस महत्वपूर्ण शिकारी प्रजाति के लिए एक सुरक्षित आवास सुनिश्चित किया जा सके।