
ऐसी ही एक मार्मिक कहानी है उस क्रू सदस्य मैथिली की, जिसने अपने पिता से फोन करने का वादा किया था, लेकिन वह कॉल कभी नहीं आई। उनके पिता उस फोन कॉल का बेसब्री से इंतजार करते रह गए जो उनकी बेटी ने उड़ान भरने से पहले करने का वादा किया था, लेकिन दुर्भाग्य से, उस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वह कॉल कभी नहीं आई। यह घटना उस भीषण त्रासदी की मानवीय लागत को दर्शाती है जिसने कई जिंदगियां लील लीं।
एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (AI-171) के 12 क्रू सदस्यों में मैथिली भी शामिल थीं। विमान के पायलट कैप्टन सुमीत भी उन दुर्भाग्यपूर्ण क्रू सदस्यों में से एक थे जो इस भयानक हादसे का शिकार हुए। इन सभी क्रू सदस्यों ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी। विमान दुर्घटनास्थल पर बचाव दल अभी भी काम कर रहे हैं, और मृतकों के परिवारों में गहरा शोक व्याप्त है, क्योंकि वे अपने प्रियजनों के अवशेषों की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं।
मैथिली के परिवार में मातम पसरा हुआ है, और उनके पिता अपनी बेटी के अंतिम शब्दों और उस अधूरे वादे को याद कर भावुक हो रहे हैं। यह सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि उन सभी परिवारों की पीड़ा है जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोया है। यह दुखद घटना हमें हवाई यात्रा में निहित जोखिमों और उन अनगिनत लोगों के बलिदान की याद दिलाती है जो हमें सुरक्षित रूप से हमारे गंतव्यों तक पहुंचाने का काम करते हैं। पूरे देश में इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया जा रहा है और पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।