
यह मामला तब सामने आया जब कंपनी के अधिकारियों ने अचानक विज्ञापन खर्च में तेजी से हुई वृद्धि पर ध्यान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसे कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं किए थे।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कंपनी के गूगल विज्ञापन खाते से संभवतः हैकिंग या किसी धोखाधड़ी के जरिए फर्जी विज्ञापन चलाए गए। इसके बाद साइबर अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि यह एक सोची-समझी सायबर धोखाधड़ी भी हो सकती है, जिसके तहत कंपनी के खाते से लाखों रुपये के विज्ञापन चलाए गए।
इस घटना ने डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफार्मों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। साइबर विशेषज्ञों ने कंपनियों को सलाह दी है कि वे अपने डिजिटल खातों में दो-चरणीय प्रमाणीकरण और अन्य सुरक्षा उपाय अपनाएं। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव किया जा सके।