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एमएनआरई ने बायोएनर्जी को व्यापार-अनुकूल सुधारों से दी नई ऊर्जा.

नई दिल्ली: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने पराली और अन्य कृषि-अवशेषों से बायोएनर्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।

मंत्रालय ने इस क्षेत्र को व्यापार-अनुकूल सुधारों के साथ फिर से जीवंत किया है, जिसका उद्देश्य अपशिष्ट-से-ऊर्जा (Waste-to-Energy) परियोजनाओं में निवेश को आकर्षित करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।

इस पहल का लक्ष्य कृषि अपशिष्टों, जैसे कि धान की पराली, को एक मूल्यवान संसाधन में बदलना है, जिससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन भी होगा। हालांकि, एक उपभोक्ता विशेषज्ञ ने कहा है कि अपशिष्ट-से-ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने में केवल निवेशकों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय उपभोक्ता जुड़ाव को प्राथमिकता देना चाहिए ताकि वास्तविक प्रभाव सुनिश्चित हो सके। उनका तर्क है कि जब तक आम जनता और स्थानीय समुदाय इन परियोजनाओं से नहीं जुड़ेंगे, तब तक उनका पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं हो पाएगा।

यह नया दृष्टिकोण बायोएनर्जी क्षेत्र में स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए नए अवसर खोलेगा। सरकार उम्मीद कर रही है कि इन सुधारों से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और किसानों को उनकी पराली का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे पराली जलाने की समस्या भी कम होगी।

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